प्राचार्य
शिक्षा का मूल उद्देश्य बेशक बच्चों की साक्षरता और सशक्तीकरण है, ताकि वे अपने जीवन को आराम से जी सकें, लेकिन शिक्षा का अंतिम उद्देश्य है पुरुषों और महिलाओं को बेहतर बनाना, जो कि गुणीजन, सद्पुरुष, जिम्मेदार नागरिक, वैश्विक भ्रातृ भाव के परोकर हैं, और बराबरी वाले समाज और जो मानवता के कल्याण और विकास के लिए योगदान करने के लिए अच्छी तरह से तैयार और सक्षम हैं। उनसे नैतिक मूल्यों और भारतीय संस्कृति में विश्वास रखने वाले वैश्विक दृष्टिकोण की अपेक्षा की जाती है। शिक्षा को जीवन भर विभिन्न स्रोतों से सीखने के लिए एक अंतर्दृष्टि देनी चाहिए।
केन्द्रीय विद्यालय टोंक एक ऐसी संस्था है, जिसमें छात्रों को न केवल पाठ्यक्रम से संबंधित पुस्तकों को पढ़ाया जाता है, बल्कि अन्य मूल्यों, जो अच्छे चरित्र बनाने में मदद करते हैं, उनमें उच्च शिक्षा और समर्पित संकायों के लिए विभिन्न सह-पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियों द्वारा भी उन्हें शामिल किया जाता है। मेरी इच्छा है कि केवी टोंक के छात्र अपने जीवन में नई ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे और समाज में अच्छा नाम कमाएंगे।